The horror tale suspense scary stories.kids fariy tale.
एक दिन लड़के ने अपने जाल में कुछ चमकदार मछली जैसी चीज चमकती हुई देखी।उसने जाल खींच कर बाहर निकाला ।उसने जाल को चारों तरफ से इस तरह कस दिया की जो चीज़ जाल में फसी हैं वो बाहर ना जा सकें।
तभी उसे आवाज सुनाई दी। " मुझे छोड़ दो...मुझे जाने दो " वो चौक गया। उसके जल में एक जलपरी फंस गई थी।उसके ऊपर का हिस्सा एक लड़की का था। नीचे का हिस्सा मछ्ली जैसा था।पीला, हरा और बेहद चमकीला। जलपरी जाल से निकलने की कोशिश कर रही थी।
लड़के के मुँह से निकल " जलपरी "
" मुझे जाने दो " जलपरी ने फिर कहा।
" अगर मैने तुम्हारे बारे में सही सुना है, तो क्या तुम खुद को फ़्री करने के बदले में मुझे वरदान दोगी।" लड़के ने जलपरी से कहा।
" हां ,मै तुम्हे सोने के सिक्को से भरा बैग दूँगी ..इस समुंद्र तल में एक पुराना शिप डूबा हुआ हैं ।"
" नहीं ,मुझे सोने के सिक्के नहीं चाहिए "
" तो क्या तुम खजाना चाहते हो..मै समुंद्र देवता की बेटी हूँ, हमारे सेवक तुम्हारे पास खजाना भिजवा देंगें "
" नहीं , मुझे खजाना भी नहीं चाहिए । मझे ओ नीली आँखों वाली , घुंघराले बालों वाली लड़की चाहिए । जिसके बिना मेरी जिंदगी मै कुछ नहीं हैं । वही जिसे मै बहुत पसंद करता हूँ।"
" लड़की...ये तो कुछ खास नहीं हुआ " जलपरी ने कहा तो उसने जाल पर अपनी पकड़ कुछ सख्त कर दी।
" ठीक हैं, तुम मुझे आजाद कर दो मै तुम्हे एक मैजिक रिंग दूँगी। जब वो रिंग तुम लड़की को ऑफर करोंगे तो वो शादी से मना नहीं करेगी।लेकिन तुम्हे एक साल एक दिन इंतजार करना होगा।"
" इतने वक़्त में तो उसकी शादी हो जायगी "।
" नहीं होंगी, में वादा करती हूँ। "
लड़के ने जलपरी को छोड़ दिया। जलपरी ने एक रिंग ला कर दे दी। लड़के ने उसे बॉक्स मेँ रख दिया। और एक एक दिन गईं ने लगा ।
एक दिन वो नाव ले कर निकल ही रहा था क़ि उसे महसूस हुआ कुछ आगे के किनारे पर भूरे रंग की सीपियों का ढ़ेर लगा हैं । वो कुछ और आगे बड़ा । उसने पाया कि वो एक नीली आँखो और भूरे घुँघराले बालो वाली लड़की हैं।उसके बाल इतने लम्बे थे क़ि उसके चारों बालो का ढ़ेर सीपियों जैसा मालूम हो रहा था ।
"तुम यहाँ मेरे आइलैंड पर क्या कर रही हो "?
" ये सिर्फ तुम्हारा आइलैंड नहीं है.. एक तुम ही अकेले नहीं हो जो अकेले इधर उधर भटकते रहते हो ..मेरे पिता ने दूसरी शादी कर ली है.. वो मुझसे कुछ ज्यादा छोटी नहीं है.. वो बहुत ख़राब हैं ..कहीं मेरे साथ कुछ गलत ना कर दे।इस लिए मै यहाँ आ गई।" लड़की ने कहा।
" जो भी हो तुम यहाँ नहीं रह सकती। जा कर अपने पिता से बात करो .." लड़के ने कहा।
"अभी मौसम भी ठीक नहीं हैं । "
" कल ठीक हो जायेगा ।"
" मेरी बोट भी टूट गई हैं।"
" मै बना दूँगा ।"
लड़की झल्ला गई। "तुम समझते क्यों नहीं।मुझे एक सुरक्षित स्थान चाहिए जहाँ मै सेफ रह सकूँ।" लड़की थोड़ा रुकीं फिर धीरे से बोली।
" तुम्हारे पास ख़ाली कमरा हैं।एक साईड तुम रह लेना दूसरी तरफ मै रह लूँगी।"
" नहीं मै अकेला ही सही हूँ। "
" मै खुद के लिए जो खाना बनाउंगी वो तुम भी खा सकते हो।"
" नहीं मै अकेले ही खाना पसंद करता हूँ ।"
लड़के ने रूखेपन से कहा।
कैसे रात बीती पता ही नहीं चला।सुबह लड़का उठा और मछली पकड़ने चला गया।शाम को वो देर से लौटा। उसने देखा लकड़ी के छोटे टेबल पर प्लेट में गर्म खाना रखा था।थका होने के कारण उसे बड़ा अच्छा लगा। खाना खा कर वो सो गया।
रोज उसे खाना बना हुआ मिलता था। एक रोज उसका कम बहुत अच्छा हुआ। मछली अच्छे दाम मे बिकी और वो जल्दी घर आ गया।उसने लड़की को अपने कमरे मे देखा । वो टेबल पर खाना लगाने जा रही थी।
" तुम मत जाओ कहीं ,हम दोंनो आज एक साथ खाना खा सकते हैं । "
दोंनो ने एक साथ खाना खाया और कुछ बाते भी करी।
दूसरे दिन शाम को लड़की फिर वहा थी दोंनो ने साथ में खाना खाया और कुछ और ज्यादा बाते करी। अब इस तरह दोनों रात को साथ में खाना खाते और बाते करते।अब लड़के को पता चला क़ि किस तरह लड़की के पिता उस लड़की के प्यार में अंधे हो गए और अपनी ही बेटी को दुःख पहुचाने लगे।लड़की ने कितनी परेशानियों में घर छोड़ा अब वो समझ चुका था। और लड़के ने अपने अधूरे प्रेम की कहानी सुनाई। जलपरी और 365 दिनों के बाद प्रपोज़ करने की बात भी बताई।
लड़की ने उसके लिये एक चार्ट बना दिया।क्यों की लकड़ी पर लकीरें खींच कर याद रखना बड़ा मुश्किल था। लड़के को ये सब बड़ा अच्छा लगा।लेकिन लड़की कहाँ सोती हैं? कहाँ घूमती हैं? इस बारे में लड़के को अभी भी कुछ पता नहीं था।
एक दिन लड़का जब काम से लौटा तो उसने देखा लड़की घर के आगे फूलों के पोधे लगा रही हैं। नन्हें नन्हे रंगबिरंगे फूलो की खुशबू से हवा महक रही थी।लड़के का मन खुश हो गया।
तब से लड़की ने लड़के के कामों में उसकी मदत करनी भी शुरू कर दी। वो उसकी नाव किनारे लगवा देती।उसके मछली पकड़ने के जाल को साफ कर के फैला देती।लड़के को इस से काफी मदत मिलती।
एक दिन लड़के ने लड़की से कहा। " जब तुम बाजार जाओगे तो खिड़की के शीशे ले आना ,मौसम बदल रहा हैं। "
लड़का काम से लौटते वक़्त खिड़की के शीशे ले आया।लड़की ने बड़ी सफाई और सावधानी के साथ शीशो को खिड़की के दरवाजों में फिट कर दिया।अब कमरे में तेज हवा नहीं आ रही थी। कमरे में निवास थी।सब कुछ जैसे धीरे धीरे ठीक हो रहा था।
एक दिन लड़की ने कहा। " मुझे थोडा सा व्हाइट पेंट ला दो। दीवारे बहुत गन्दी हो रही हैं। " लड़के ने व्हाइट पेंट ला दिया। लड़की ने दीवारो को साफ किया ।टूटी हुई दरारों को भरा और व्हाइट पेंट कर दिया। घर साफ हो कर चमकने लगा।
लड़का पैसो का हिसाब लगाने लगा।भले ही उसके पास पैसे कुछ कम हो रहे थे लेकिन उसकी झोपडी पहले से कहीं जयादा बेहतर और सुविधा जनक हो गई थी।
एक दिन लड़के को ख्याल आया क़ि लड़की सोती कहाँ हैं ? उसको लड़की के लिए कुछ करना चाहिए।उसने तै किया क़ि कुछ दिन वो मछली पकड़ने का काम नहीं करेगा।उसने जंगल में जा कर मजबूत पेड़ की लकड़ियों को काटा और इकठ्ठा कर के झोपडी के किनारे ढ़ेर लगा दिया।
" तुम क्या करने वाले हो " लड़की ने पूछा।
" तुम्हारे लिए कमरा बनाऊगा ..तुम कहाँ भटकती रहती हो ?"
" मै ठीक हूँ मेरी फ़िक्र मत करो " लड़की ने कहा।लेकिन लड़के ने लड़की के लिये एक कमरा बना दिया। इसी तरह दिन गुजरने लगे।लड़के का अब कम में ज्यदा मन लगता था।और घर पहुँचने की उत्सुकता।
साल का आखरी 365 वा दिन था। लड़का दोपहर को ही लौट आया।जैसे ही उसने कमरे मे प्रवेश किया तो देखा । लड़की ने रिंग अपनी अंगुलियों में पहनी हुई हैं। और बड़े शोंक से देख रही हैं।ये देखते ही लड़का आगबबूला हो गया।
लड़की ने झट्ट से रिंग उतार कर बॉक्स में डाल दी और ढ़क्कन टाइट से बंद कर दिया। " बस यूँ ही देख रही थी..कल के लिए सब कुछ ठीक हैं या नहीं। "
लड़की अपने कमरे में चली गई। थोड़ी देर में जब वापिस आई तो उसके हाथ में उसके कपड़ो का थैला था। वो बोलीं " मै अपने पिता के घर वापिस जा रही हूँ "
" क्या ..तुम्हे याद हैं वो तुम्हारे साथ कैसा व्यव्हार करते हैं। " लड़के ने कहा।
" कोई बात नहीं ..मै पिता से बात कर लूँगी.. अब मै बड़ी हो गई हूँ.."
" अभी तो एक साल ही हुआ हैं.. "
" एक साल काफी हैं.." लड़की ने कहा।
" मौसम भी सही नहीं हैं.." लड़के ने कहा।
" ठीक हो जायेगा.."
" तुम्हारी बोट भी टूटी हुई हैं.." लड़के ने बेचैनी से कहा।
" कोई बात नहीं..मै किसी दूसरी बोट से चली जाउंगी.. जैसे आई थी वैसे ही जाना होगा.."
लड़की उदास मन से चार्ट के पास गई और उसने साल का आख़री निशान लगा दिया।
" कल तुम अपने सच्चे प्यार को पा लोगे.."
ऐसे कह कर लड़की वाह से चली गई।
लड़का अकेला रह गया।वो बेचैनी से कभी कुर्सी पर बैठता, कभी दीवार से टेक लगा लेता,कभी जमीन में लेटता। सुबह उठ कर वो चार्ट के पास गया।आज वो दिन था जिसका इंतजार उसे एक साल से था।उसने बॉक्स में से रिंग निकली और बोट में बैठ कर शहर की तरफ चल पड़ा।
ताज्जुब की बात थी।ये वो शहर नहीं था।जहाँ से वो आया था।ये उस नीली आँखों वाली,भूरे घुंघराले बालो बाली लड़की का शहर था जो एक साल से उसके साथ रह रही थी।
लड़की अपने पिता के साथ गार्डन में थी। लड़के ने झाँक कर देखा।लड़की के घुंघराले बाल हवा में लहरा रहे थे।लड़की की नज़र लड़के पर पड़ी और उसकी नीली आँखे चमक उठी।
" तुम यहाँ..?" लड़की ख़ुशी से चहकी।
" हा मै यहाँ.."
" तुम तो आज अपने प्यार को प्रपोज़ काने वाले थे." लड़की ने धीरे से कहा।
" हा कर रहा हूँ.. मेरा सच्चा प्यार कौन हैं.. मै समझ गया हूँ.."
लड़के ने रिंग लड़की की अंगुलियों में पहना दी। दोनों की आँखों से ख़ुशी के आंसू बहने लगे।
" तुम कुछ वक़्त और ले सकते हो.." लड़की ने कहा। दोंनो ने काफी वक़्त साथ बिताया। साथ में घूमे फिर ,साथ में खाना खाया और खूब सारी बाते करी।दोनों पहले से ज्यादा श्योर हो गए क़ि वो एक दूसरे के लिए ही बने हैं।
लड़के ने नीली आँखों वाली,भूरे घुंघराले बालो वाली लड़की के साथ धूम धाम से शादी कर ली।उनकी ख़ुशी में उनके सारे दोस्त शामिल हुए।
दोंनो ख़ुशी ख़ुशी अपना जीवन गुजरने लगे।नीली आँखों वाली रोज शाम को तैयार हो कर उस सच्चे मन वाले लड़के का इंतजार करती।उनके प्रेम के किस्से पूरे शहर में मशहूर हो गए।
समाप्त💐
जलपरी.The Mermaid
एक लड़का था।वो एक लड़की को बहुत प्यार करता था।लेकिन वो लड़की उसकी इतनी परवाह नहीं करती थी।इस बात से लड़का अक्सर उदास हो जाता था।लेकिन फिर भी एक दिन उस लड़के ने हिम्मत कर के अपने दिल की बात उस लड़की को कह ही दी।
लड़की ने कोई जवाब नहीं दिया बस मुस्कराई और भाग गई।लड़की की इस हरकत से लड़के बहुत दुःख पंहुचा।वो उदास रहने लगा।खुद को हारा हुआ महसूस करने लगा।
लड़का इतना निराश हुआ क़ि उसको उस शहर में रहना मुश्किल लगने लगा।उसे बहुत शर्मिदगी महसूस हो रही थी। उसके अलावा कोई नहीं जनता था कि उस पर क्या बीती हैं।उसने मछ्ली तट पर अपने दोस्तों के पास जाना भी बंद कर दिया।
एक दिन भारी मन से उसने अपना मछली पकड़ने वाला जाल उठाया और बोट में बैठ कर एक निर्जन टापू पर आ कर रहने लगा। उसने अपने लिये वहां एक छोटी सी झोपड़ी बना ली। वो रोज समुंद्र में मछली पकड़ता और दूसरे तट के किनारे के बाजार में जा कर बेच आता जहाँ उसको कोई नहीं जनता था। जो पैसे मिलते उस से खाने पीने का थोड़ा बहुत सामान ले आता।बस इसी तरह उसके दिन बीतने लगे।
एक दिन भारी मन से उसने अपना मछली पकड़ने वाला जाल उठाया और बोट में बैठ कर एक निर्जन टापू पर आ कर रहने लगा। उसने अपने लिये वहां एक छोटी सी झोपड़ी बना ली। वो रोज समुंद्र में मछली पकड़ता और दूसरे तट के किनारे के बाजार में जा कर बेच आता जहाँ उसको कोई नहीं जनता था। जो पैसे मिलते उस से खाने पीने का थोड़ा बहुत सामान ले आता।बस इसी तरह उसके दिन बीतने लगे।
एक दिन लड़के ने अपने जाल में कुछ चमकदार मछली जैसी चीज चमकती हुई देखी।उसने जाल खींच कर बाहर निकाला ।उसने जाल को चारों तरफ से इस तरह कस दिया की जो चीज़ जाल में फसी हैं वो बाहर ना जा सकें।
तभी उसे आवाज सुनाई दी। " मुझे छोड़ दो...मुझे जाने दो " वो चौक गया। उसके जल में एक जलपरी फंस गई थी।उसके ऊपर का हिस्सा एक लड़की का था। नीचे का हिस्सा मछ्ली जैसा था।पीला, हरा और बेहद चमकीला। जलपरी जाल से निकलने की कोशिश कर रही थी।
लड़के के मुँह से निकल " जलपरी "
" मुझे जाने दो " जलपरी ने फिर कहा।
" अगर मैने तुम्हारे बारे में सही सुना है, तो क्या तुम खुद को फ़्री करने के बदले में मुझे वरदान दोगी।" लड़के ने जलपरी से कहा।
" हां ,मै तुम्हे सोने के सिक्को से भरा बैग दूँगी ..इस समुंद्र तल में एक पुराना शिप डूबा हुआ हैं ।"
" नहीं ,मुझे सोने के सिक्के नहीं चाहिए "
" तो क्या तुम खजाना चाहते हो..मै समुंद्र देवता की बेटी हूँ, हमारे सेवक तुम्हारे पास खजाना भिजवा देंगें "
" नहीं , मुझे खजाना भी नहीं चाहिए । मझे ओ नीली आँखों वाली , घुंघराले बालों वाली लड़की चाहिए । जिसके बिना मेरी जिंदगी मै कुछ नहीं हैं । वही जिसे मै बहुत पसंद करता हूँ।"
" लड़की...ये तो कुछ खास नहीं हुआ " जलपरी ने कहा तो उसने जाल पर अपनी पकड़ कुछ सख्त कर दी।
" ठीक हैं, तुम मुझे आजाद कर दो मै तुम्हे एक मैजिक रिंग दूँगी। जब वो रिंग तुम लड़की को ऑफर करोंगे तो वो शादी से मना नहीं करेगी।लेकिन तुम्हे एक साल एक दिन इंतजार करना होगा।"
" इतने वक़्त में तो उसकी शादी हो जायगी "।
" नहीं होंगी, में वादा करती हूँ। "
लड़के ने जलपरी को छोड़ दिया। जलपरी ने एक रिंग ला कर दे दी। लड़के ने उसे बॉक्स मेँ रख दिया। और एक एक दिन गईं ने लगा ।
एक दिन वो नाव ले कर निकल ही रहा था क़ि उसे महसूस हुआ कुछ आगे के किनारे पर भूरे रंग की सीपियों का ढ़ेर लगा हैं । वो कुछ और आगे बड़ा । उसने पाया कि वो एक नीली आँखो और भूरे घुँघराले बालो वाली लड़की हैं।उसके बाल इतने लम्बे थे क़ि उसके चारों बालो का ढ़ेर सीपियों जैसा मालूम हो रहा था ।
"तुम यहाँ मेरे आइलैंड पर क्या कर रही हो "?
" ये सिर्फ तुम्हारा आइलैंड नहीं है.. एक तुम ही अकेले नहीं हो जो अकेले इधर उधर भटकते रहते हो ..मेरे पिता ने दूसरी शादी कर ली है.. वो मुझसे कुछ ज्यादा छोटी नहीं है.. वो बहुत ख़राब हैं ..कहीं मेरे साथ कुछ गलत ना कर दे।इस लिए मै यहाँ आ गई।" लड़की ने कहा।
" जो भी हो तुम यहाँ नहीं रह सकती। जा कर अपने पिता से बात करो .." लड़के ने कहा।
"अभी मौसम भी ठीक नहीं हैं । "
" कल ठीक हो जायेगा ।"
" मेरी बोट भी टूट गई हैं।"
" मै बना दूँगा ।"
लड़की झल्ला गई। "तुम समझते क्यों नहीं।मुझे एक सुरक्षित स्थान चाहिए जहाँ मै सेफ रह सकूँ।" लड़की थोड़ा रुकीं फिर धीरे से बोली।
" तुम्हारे पास ख़ाली कमरा हैं।एक साईड तुम रह लेना दूसरी तरफ मै रह लूँगी।"
" नहीं मै अकेला ही सही हूँ। "
" मै खुद के लिए जो खाना बनाउंगी वो तुम भी खा सकते हो।"
" नहीं मै अकेले ही खाना पसंद करता हूँ ।"
लड़के ने रूखेपन से कहा।
कैसे रात बीती पता ही नहीं चला।सुबह लड़का उठा और मछली पकड़ने चला गया।शाम को वो देर से लौटा। उसने देखा लकड़ी के छोटे टेबल पर प्लेट में गर्म खाना रखा था।थका होने के कारण उसे बड़ा अच्छा लगा। खाना खा कर वो सो गया।
रोज उसे खाना बना हुआ मिलता था। एक रोज उसका कम बहुत अच्छा हुआ। मछली अच्छे दाम मे बिकी और वो जल्दी घर आ गया।उसने लड़की को अपने कमरे मे देखा । वो टेबल पर खाना लगाने जा रही थी।
" तुम मत जाओ कहीं ,हम दोंनो आज एक साथ खाना खा सकते हैं । "
दोंनो ने एक साथ खाना खाया और कुछ बाते भी करी।
दूसरे दिन शाम को लड़की फिर वहा थी दोंनो ने साथ में खाना खाया और कुछ और ज्यादा बाते करी। अब इस तरह दोनों रात को साथ में खाना खाते और बाते करते।अब लड़के को पता चला क़ि किस तरह लड़की के पिता उस लड़की के प्यार में अंधे हो गए और अपनी ही बेटी को दुःख पहुचाने लगे।लड़की ने कितनी परेशानियों में घर छोड़ा अब वो समझ चुका था। और लड़के ने अपने अधूरे प्रेम की कहानी सुनाई। जलपरी और 365 दिनों के बाद प्रपोज़ करने की बात भी बताई।
लड़की ने उसके लिये एक चार्ट बना दिया।क्यों की लकड़ी पर लकीरें खींच कर याद रखना बड़ा मुश्किल था। लड़के को ये सब बड़ा अच्छा लगा।लेकिन लड़की कहाँ सोती हैं? कहाँ घूमती हैं? इस बारे में लड़के को अभी भी कुछ पता नहीं था।
एक दिन लड़का जब काम से लौटा तो उसने देखा लड़की घर के आगे फूलों के पोधे लगा रही हैं। नन्हें नन्हे रंगबिरंगे फूलो की खुशबू से हवा महक रही थी।लड़के का मन खुश हो गया।
तब से लड़की ने लड़के के कामों में उसकी मदत करनी भी शुरू कर दी। वो उसकी नाव किनारे लगवा देती।उसके मछली पकड़ने के जाल को साफ कर के फैला देती।लड़के को इस से काफी मदत मिलती।
एक दिन लड़के ने लड़की से कहा। " जब तुम बाजार जाओगे तो खिड़की के शीशे ले आना ,मौसम बदल रहा हैं। "
लड़का काम से लौटते वक़्त खिड़की के शीशे ले आया।लड़की ने बड़ी सफाई और सावधानी के साथ शीशो को खिड़की के दरवाजों में फिट कर दिया।अब कमरे में तेज हवा नहीं आ रही थी। कमरे में निवास थी।सब कुछ जैसे धीरे धीरे ठीक हो रहा था।
एक दिन लड़की ने कहा। " मुझे थोडा सा व्हाइट पेंट ला दो। दीवारे बहुत गन्दी हो रही हैं। " लड़के ने व्हाइट पेंट ला दिया। लड़की ने दीवारो को साफ किया ।टूटी हुई दरारों को भरा और व्हाइट पेंट कर दिया। घर साफ हो कर चमकने लगा।
लड़का पैसो का हिसाब लगाने लगा।भले ही उसके पास पैसे कुछ कम हो रहे थे लेकिन उसकी झोपडी पहले से कहीं जयादा बेहतर और सुविधा जनक हो गई थी।
एक दिन लड़के को ख्याल आया क़ि लड़की सोती कहाँ हैं ? उसको लड़की के लिए कुछ करना चाहिए।उसने तै किया क़ि कुछ दिन वो मछली पकड़ने का काम नहीं करेगा।उसने जंगल में जा कर मजबूत पेड़ की लकड़ियों को काटा और इकठ्ठा कर के झोपडी के किनारे ढ़ेर लगा दिया।
" तुम क्या करने वाले हो " लड़की ने पूछा।
" तुम्हारे लिए कमरा बनाऊगा ..तुम कहाँ भटकती रहती हो ?"
" मै ठीक हूँ मेरी फ़िक्र मत करो " लड़की ने कहा।लेकिन लड़के ने लड़की के लिये एक कमरा बना दिया। इसी तरह दिन गुजरने लगे।लड़के का अब कम में ज्यदा मन लगता था।और घर पहुँचने की उत्सुकता।
साल का आखरी 365 वा दिन था। लड़का दोपहर को ही लौट आया।जैसे ही उसने कमरे मे प्रवेश किया तो देखा । लड़की ने रिंग अपनी अंगुलियों में पहनी हुई हैं। और बड़े शोंक से देख रही हैं।ये देखते ही लड़का आगबबूला हो गया।
लड़की ने झट्ट से रिंग उतार कर बॉक्स में डाल दी और ढ़क्कन टाइट से बंद कर दिया। " बस यूँ ही देख रही थी..कल के लिए सब कुछ ठीक हैं या नहीं। "
लड़की अपने कमरे में चली गई। थोड़ी देर में जब वापिस आई तो उसके हाथ में उसके कपड़ो का थैला था। वो बोलीं " मै अपने पिता के घर वापिस जा रही हूँ "
" क्या ..तुम्हे याद हैं वो तुम्हारे साथ कैसा व्यव्हार करते हैं। " लड़के ने कहा।
" कोई बात नहीं ..मै पिता से बात कर लूँगी.. अब मै बड़ी हो गई हूँ.."
" अभी तो एक साल ही हुआ हैं.. "
" एक साल काफी हैं.." लड़की ने कहा।
" मौसम भी सही नहीं हैं.." लड़के ने कहा।
" ठीक हो जायेगा.."
" तुम्हारी बोट भी टूटी हुई हैं.." लड़के ने बेचैनी से कहा।
" कोई बात नहीं..मै किसी दूसरी बोट से चली जाउंगी.. जैसे आई थी वैसे ही जाना होगा.."
लड़की उदास मन से चार्ट के पास गई और उसने साल का आख़री निशान लगा दिया।
" कल तुम अपने सच्चे प्यार को पा लोगे.."
ऐसे कह कर लड़की वाह से चली गई।
लड़का अकेला रह गया।वो बेचैनी से कभी कुर्सी पर बैठता, कभी दीवार से टेक लगा लेता,कभी जमीन में लेटता। सुबह उठ कर वो चार्ट के पास गया।आज वो दिन था जिसका इंतजार उसे एक साल से था।उसने बॉक्स में से रिंग निकली और बोट में बैठ कर शहर की तरफ चल पड़ा।
ताज्जुब की बात थी।ये वो शहर नहीं था।जहाँ से वो आया था।ये उस नीली आँखों वाली,भूरे घुंघराले बालो बाली लड़की का शहर था जो एक साल से उसके साथ रह रही थी।
लड़की अपने पिता के साथ गार्डन में थी। लड़के ने झाँक कर देखा।लड़की के घुंघराले बाल हवा में लहरा रहे थे।लड़की की नज़र लड़के पर पड़ी और उसकी नीली आँखे चमक उठी।
" तुम यहाँ..?" लड़की ख़ुशी से चहकी।
" हा मै यहाँ.."
" तुम तो आज अपने प्यार को प्रपोज़ काने वाले थे." लड़की ने धीरे से कहा।
" हा कर रहा हूँ.. मेरा सच्चा प्यार कौन हैं.. मै समझ गया हूँ.."
लड़के ने रिंग लड़की की अंगुलियों में पहना दी। दोनों की आँखों से ख़ुशी के आंसू बहने लगे।
" तुम कुछ वक़्त और ले सकते हो.." लड़की ने कहा। दोंनो ने काफी वक़्त साथ बिताया। साथ में घूमे फिर ,साथ में खाना खाया और खूब सारी बाते करी।दोनों पहले से ज्यादा श्योर हो गए क़ि वो एक दूसरे के लिए ही बने हैं।
लड़के ने नीली आँखों वाली,भूरे घुंघराले बालो वाली लड़की के साथ धूम धाम से शादी कर ली।उनकी ख़ुशी में उनके सारे दोस्त शामिल हुए।
दोंनो ख़ुशी ख़ुशी अपना जीवन गुजरने लगे।नीली आँखों वाली रोज शाम को तैयार हो कर उस सच्चे मन वाले लड़के का इंतजार करती।उनके प्रेम के किस्से पूरे शहर में मशहूर हो गए।
समाप्त💐
Jalpari.जलपरी.The Mermaid kids fariy tale.
Reviewed by Sahajjob.in
on
April 14, 2019
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