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इच्छाधारी नागिन और जोगी An emotional suspense story. the horror tale.

The horror tale suspense scary stories.इच्छाधारी नागिन और जोगी.

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पिछले 10 साल में मैने सिर्फ काम में धयान दिया था। कच्ची उम्र में सबके मना करने के बावजूद शादी की थी जो 10 दिन में ही खत्म हो गई थी।उस तकलीफ को भुलाने के लिए खुद को काम में झोंक दिया था। अब ब्रेक की जरुरत थी। 
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उस हवेली को कुछ वक़्त के लिए मैने किराये पर ले लिया था। मेरा एक खास दोस्त भी मेरे साथ था।वहाँ की खुली हवाओं में मुझे सकून महसूस हो रहा था। हवेली में हम दोनों के अलावा दो लोग और थे। एक बूढ़ा माली जो हवेली की देखभाल करता था। उसका कहना था क़ि उसके पिता का जीवन भी इस हवेली की देखभाल में ही बीता था। दूसरी थी वो नीली गहरी आँखों वाली जो हर वक़्त मेरे आस पास मंडराती रहती थी। परियो जैसा हुस्न ..भगवान ने बड़ी फुर्सत में गढ़ा था उसे।

मेरा दोस्त मुझे उसके नाम से छेड़ने लगा था। " तुम पर कोई जादू ना कर दे...जरा संभल कर रहो..मुझे ये लड़की नार्मल नहीं दिखती.." वो कहता और मै मुस्करा देता।मेरा दोस्त एक हफ्ता मेरे साथ रहा था।फिर चला । लेकिन आज वो फिर आ रहा था। उसका काम कुछ ऐसा ही था। वो नई जगहों पर भी अपना काम ढूंढ लेता था।

मुझे यहाँ आये हुए एक महीना हो चला था।लेकिन वापिस जाने का मन ही नहीं कर रहा था। मुझे अपने दिल की बात किसी से करने की आदत नहीं हैं। लेकिन अब जी चाह रहा था मेरा दोस्त जिक्र छेड़े और मै खूब बाते करू उस गहरी आँखों वाली की।

हवेली में बहुत सारे कमरे थे। मेरा और मेरे दोस्त का कमरा साथ साथ था। हॉल जैसा ड्राइंगरूम  था। पुराने ज़माने की साज सज्जा उस हवेली को रॉयल लुक देती थी। मै उस हवेली को खरीदने का मन बना चुका था। हवेली के पीछे ही माली का कमरा था उसके साथ वाला कमरा उस गहरी आँखों वाली का था।मुझे कभी वहां जाने की नोबत नहीं आई वो ही सारा दिन मुझे यहाँ वहाँ नजर आ जाती थी। वो ज्यादा बोलती नहीं थी लेकिन उसकी आँखे जैसे चुप ही नहीं होती थी।गजब की कशिश थी उसमें..।

मेरा दोस्त अगला पूरा हफ्ता मेरे साथ ही रहने वाला था।
शाम का वक़्त था वो कोई किताब पढ़ रहा था।मै सिगरेट के कश खीचता हुआ कुछ सोच रहा था।तभी उसने चाय की ट्रे के साथ कमरे में प्रवेश किया। चाय मेज पर रख कर उसने कमरे के पिछले दरवाजे की तरफ देखा जो खुला हुआ था।

" साहब इस दरवाजे को बंद रखा करे..कुछ दूरी पर सपेरों की बस्ती हैं.. अगर कोई नागिन अंदर घुस आई तो क्या करेंगे ..?"
उसने नीली आँखों से मुस्कराते हुए मेरी तरफ देखते हुए कहा।
मेरे दोस्त ने किताब से नज़र हटा कर उसकी तरफ देखा। फिर यूँ ही उसने उसकी तरफ सवाल उछाल दिया।

" क्या तुम इच्छाधारी साँपो पर यक़ीन करती हो.." मै उसके सवाल पर मुस्करा दिया।

"हां..एक कहानी सुनेंगे..?" उसने कहा।हमने हा कर दी।हमें कहानी सुन ने में बड़ी दिलचस्पी थी और शायद उसे सुनाने में ज्यादा। उसने बड़ी गहरी नज़रो से मुझे देखा और कहानी सुनानी शुरू करी।


कई सौ साल पहले एक सपेरों का कबीला था। उसमें एक जोगी था। जोगी को नागो को साधने का बड़ा हुनर था। कहते हैं हर सपेरा जोगी नहीं बन सकता। जोगी वो होता हैं जो अनदेखे अनजाने प्रेम के प्रति अपना सारा जीवन समर्पित कर दे। जोगी को भी लगन थी,एक ऐसे प्रेम की जो किस्से कहानियों में ही मिलता हैं। कहते हैं जोगी अपनी साधना और टप के ज़रिये अपनी बीन के सुरो में इतना जादू भर लेता हैं क़ि इच्छाधारी नागिन उसकी बीन की धुन पर नाचने को बेताब हो जाती हैं।

जोगी को बीन के साथ बाँसुरी बजने में भी महारथ हासिल था। वो जंगलो में भटकता रहता।उसकी बासुरी के सुर फिजा में गूंजते रहते। जो भी जोगी को सुनता मदमस्त हो जाता। लेकिन जोगी को कहाँ चैन था उसे तो किसी और को अपनी धुन पर नाचना था।


एक रोज जोगी बाँसुरी बजाने में मगन था। जाने कितनी देर उसके सुर फिजा में बिखरते रहे। जब आँख खुली तो वो सामने थी। दोनों की नज़रे मिली।आँखों में आँसू थे।दोनों देर तक ख़ामोशी के साथ एक दूसरे को देखते रहे।फिर जोगी मुस्कराता हुआ जाने के लिए उठ खड़ा हुआ। पीछे से उसने पुकारा.." जोगी कल फिर आना मै इंतजार करुँगी "।

जोगी ने पीछे मुड़ कर देखा उन बेताब आँखों को जो अब तक उसके ख़्यालो में थी ।

अब जोगी रोज जंगल जाने लगा।नागिन जोगी की बीन पर मदमस्त हो कर नाचती।उसकी बाँसुरी को मस्त हो कर सुनती।ये एक अनोखा प्रेम था। जोगी और नागिन का..दुनिया को कहाँ समझ में आने वाला था।

एक दिन किसी ने दोनों को देख लिया।जोगी के काबिले में बात फैल गई। सभी संपेरों इच्छाधारी नागिन को काबू में करना चाहते थे। जोगी ने नागिन से मिलना छोड़ दिया। वो नहीं चाहता था उसके जरिये कोई नागिन तक पहुँचे।


नागिन रोज जोगी का इंतजार करती।जब वो नहीं आया तो वो उसके काबिले में मंडराने लगी। कभी कभी भेस बदल कर काबिले की लड़कियो में शामिल हो जाती।उसे बस जोगी को एक नज़र देखना होता।लेकिन ये कब तक चलता ,सपेरों को कैसे न पता चलता ?

एक दिन सपेरों ने नागिन को घेर लिया।उसे बस में करने के चक्कर में नागिन सपेरों के हाथो मारी गई। कहते हैं नागिन के मरते ही जोगी ने भी खुद को मार लिया।काबिले वाले बहुत दुखी थे लेकिन उनके किये का अब कोई प्राश्चित नहीं था।

इस घटना को कई सौ साल बीत गए। कहते हैं उस काबिले की हर पीढ़ी ने नागिन को जोगी को पुकारते सुना हैं।कुछ ने नागिन को देखा भी हैं। लोगो का कहना हैं जब तक नागिन को जोगी नहीं मिल जाता वो यू ही भटकती रहेगी।

उसने कहानी ख़त्म कर दी और चली गई।लेकिन मै जोगी और नागिन के बीच में फंस कर रह गया।मुझे लगा कही मै जोगी तो नहीं..और वो...मेरा दिमाग इन सब बातो को फिजुल मान कर नकार देता और दिल ..उसमें जोगी और नागिन की जुदाई का दर्द भर गया।मै मन बनाने लगा जिस तरह जोगी और नागिन अलग हो गए उस तरह मै उस गहरी नीली आँखों वाली से कभी जुदा नहीं होऊँगा।


मुझे यहाँ रहते दो महीने होने वाले थे। मेरे डैड अब वापिस आने को कहने लगे थे।उन्हें काम अकेले संभालना पड़ रहा था। अब मै ज्यादा नहीं रुक सकता था।लेकिन अपने डैड से उसके बारे में बात कर के जल्दी लौटना चाहता था।

दूसरे दिन मुझे वापिस जाना था। मैने सामान बांध लिया एक दो जरुरी फ़ोन कॉल्स किये।शाम का धुंधलका फैलने लगा था।वो मेरे पास आ कर खड़ी हो गई।उसकी गहरी नीली आँखें आँसुओ से भरी हुई थी।

" मै जल्दी ही लौट आऊँगा " मै भरी मन से इतना ही कह पाया।

" आपको बाँसुरी बजानी आती हैं साहब.." उसके हाथ में एक बाँसुरी थी।मै बीएस देखता रहा।उसने मेरा हाथ पकड़ा और आगे बड़ गई। मै किसी मन्त्र में बंधा उसके पीछे था। जाने कितनी देर हम यूँ ही सुनसान जंगल के रास्ते में आगे बढ़ते रहे।मै बना कुछ बोले सम्मोहित सा उसके पीछे चलता जा रहा था।

वो एक पुराने मंदिर के खंडहर में जा कर रुक गई।चारो तरफ एक अजीब से उदासी थी।पुरे चाँद की रौशनी हम दोनों पर पड़ रही थी।

" कुछ याद आया जोगी?..बजाओ ये बाँसुरी ..मै जन्म मरण के बंधनो से मुक्त होना चाहती हूँ.. बाजाओ जोगी..बजाओ.."  उसने बाँसुरी मेरी तरफ बड़ाई। वो बिलख बिलख कर रो रही थी।मेरा जी चाहा उसे बाहों में बाँध लू हमेशा के लिए।मगर मै अपनी जगह से हिल भी न सका बस मेरी आँखों से भी दर्द बहता रहा।

और मेरे देखते देखते वो एक नागिन में बदल गई।मेरी आँखों के आगे अँधेरा छा गया। आगे क्या हुआ मुझे कुछ नहीं पता।मेरी आँख खुली तो मै हॉस्पिटल में था।बाँसुरी मेरे पास थी।

आज कितने साल हो गए।मै उस बाँसुरी के साथ उन विरानो में भटकता हूँ। काश ,एक बार वो मुझे मिल जाये तो फिर उसे  कभी कही नही जाने दूँगा। काश एक बार...

                                            Not End....






इच्छाधारी नागिन और जोगी An emotional suspense story. the horror tale. इच्छाधारी नागिन और जोगी An emotional suspense story. the horror tale. Reviewed by Sahajjob.in on April 25, 2019 Rating: 5

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